Who is mahavir and way celebrate Mahavir Jayanti 2023.
महावीर जी कोन थे।
महावीर को जैन धर्म का 24 वा पर अंतिम तीर्थंकर माना जाता है। जिन्होंने इस धर्म में प्रमुख सिद्धांतों का प्रतिपादन करने के साथ ही उन्हें व्यवस्थित रुप दिया इनके दर्शन के पांच प्रमुख सिद्धांत है। अहिंसा
सत्य
अस्तेय
ब्रह्मचर्य
और अपरिग्रह।
अहिंसा का स्थान सर्वोपरि है आगे चलकर जैन धर्म संप्रदाय सामने आए दिगंबर और श्वेतांबर लेकिन जहां तक महावीर की मूल शिक्षाओं का सवाल है। दोनों सामान्य रूप से उन्हें मांगते हैं।
भारत में जैन धर्म को मानने वाले लोगों की अच्छी खासी संख्या है। जाने वाले को लेकर है देश के अंदर हुआ वह देश के बाहर भी फला फूला दोनों धर्म से अलग बाबू में और विचारों को लेकर विकसित हुए इनमें से व्यक्ति और व्यक्ति के बीच के अंतर को नहीं स्वीकार किया गया।
सबको समान माना गया यही कारण है। कि व्यापक जनसमुदाय को आकर्षित किया महावीर जयंती हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है। महावीर जैन धर्मावलंबियों के साथ ही पूरे देश के लोगों द्वारा मनाई जाती है। जैन धर्म होता है।
इस दिन पूरे देश में राजपत्रित अवकाश होता है। महावीर जयंती के दिन देशभर में जैन मंदिरों और स्थलों को खास तौर पर सजाया जाता है।
महावीर की मूर्ति का पारंपरिक तौर पर स्नान कराने के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमें जनमत मानने वाले लोगों के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी बड़े पैमाने पर भाग लेते हैं।
देश के बड़े जैन मंदिरों की शोभा देखने योग्य होती है। गुजरात राजस्थान के जैन मंदिरों के साथ कोलकाता की जैन मंदिर और बिहार के पास स्थित मंदिर में विशेष अभिषेक और शोभा यात्रा का आयोजन होता है।
मंदिरों में विशेष ध्यान और अनुष्ठान के लिए जाते हैं। जैन मुनियों के प्रवचन ओं का आयोजन होता है जैन धर्म को मानने वाले महावीर जयंती के लिए गरीबों को कपड़े पैसे और अन्य वस्तुओं का दान करते हैं।
महावीर जयंती का महत्व सूचियों के लिए ही नहीं पूरे देशवासियों के लिए है। यही नहीं विदेशों में रहने वाले भारतीय जैन मत को मानने वाले हैं। यह पवित्र अत्यंत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
शिक्षा की उपादेयता सर्वकालिक है। और यह पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक एवं कर आए हैं। दुनिया के तमाम महान लोगों ने इनकी विचारों से प्रेरणा ली है। सत्य अहिंसा अपरिग्रह ऐसे सिद्धांत है। जो हमें शास्त्री का रहेंगे और विश्व मानवता को प्रेरणा देते रहेंगे।
दोस्तों देश में महावीर जयंती कई राज्यों में उत्सव की तरह मनाई जाती है यही नहीं इस दिन कई राज्यों में शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमें हजारों की तादाद में लोग हिस्सा लेते हैं।
जैन धर्म का सबसे प्रमुख पर्व महावीर जयंती धूमधाम से मनाया जाता है। महावीर जयंती का पर्व स्वामी महावीर के जन्मदिन चैत्र शुक्ल त्रयोदशी में मनाया जाता है ऐसे में इस बार महावीर जयंती 2 अप्रैल को है। जो कि सोमवार की है।
पानी महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। इसलिए उनके जन्मदिन पर यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को लोग एक उत्सव की तरह मनाते हैं जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार स्वामी महावीर का जन्म बिहार के कुंडलपुर के राज परिवार में हुआ था।
भगवान महावीर को बचपन में वर्तमान नाम से पुकारा जाता था महावीर 30 साल के थे जब उन्होंने घर छोड़ दिया था। और दीक्षा लेने चले गए थे दीक्षा लेने के बाद महावीर 12 साल तक तपस्या करते रहे कहा जाता है। कि भगवान महावीर के दर्शन के लिए भक्तों को उनके सिद्धांतों का पालन करना जरूरी होता था।
महावीर स्वामी का सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा है। यही नहीं उनके हर भक्तों को अहिंसा के साथ सत्य अनुच्छेद लाइट बंद करें ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के पांच औरतों का पालन करना आवश्यक होता है।
दोस्तों बेहद कम उम्र में घर त्याग करने वाले स्वामी महावीर अपने सिद्धांत के पक्के थे कहा जाता है। कि स्वामी महावीर का अपने सिद्धांत में समर्पण का भाव सबसे अहम था।
उनका मानना था कि किसी से मांग कर प्रार्थना करके या हाथ जोड़कर धर्म हासिल नहीं किया जा सकता स्वामी महावीर मानते थे कि धर्म कोई वस्तु नहीं जो मांगने से मिलेगी इसे खुद धारण करना होता है।
धर्म जीतने से मिलता है जिसके लिए संघर्ष जरूरी है स्वामी महावीर भक्ति में नहीं ज्ञान और कर्म में भरोसा रखते थे स्वामी महावीर के अनुयाई ऐसा मानते थे कि आत्मा के दुष्प्रभाव को अलग निकाल दे तो किसी को जीतने में अधिक कठिनाई नहीं आएगी।
सबसे पहले खुद को महान बनाए जिसके लिए अंतर्मन के दुष्प्रभाव से जीतना बहुत जरूरी है भारत में कई राज्यों में जैन धर्म को मानने वाले लोग हैं। लेकिन राजस्थान और गुजरात में इसकी तादाद सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
इसलिए इन राज्यों में इस पर्व को महापर्व की तरह मनाया जाता है। इस दिन जैन मंदिरों में महावीर की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है जिसके बाद मूर्ति को रथ में बैठा कर शोभायात्रा निकाली जाती है इस शोभायात्रा में जैन धर्म के अनुयाई हिस्सा लेते हैं। जगह-जगह पंडाल लगाए जाते हैं जिसके तहत जरूरतमंदों और गरीब लोगों की मदद की जाती है।
दोस्तों इस दिन कई जगहों पर मांस और शराब की दुकानें भी बंद रहती हैं। दोस्तों उम्मीद करता हूं मैंने आपको इस वीडियो में महावीर जयंती से रिलेटेड सारी जानकारी दे दी होगी और फिर भी यदि आपको कोई डाउट है। तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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