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Bholenath ji ki Mahima Shiv Shankar ki aaradhna & Pooja

भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के मूल मंत्र। इस प्रकार करे भोलेनाथ की पूजा।

सोमवार तक भगवान शिव का जन्म होता है भगवान श्री भोलेनाथ की विशेष कृपा अपने भक्तों के ऊपर बरसती है सोमवार के दिन शिव भक्त विभिन्न प्रकार से पूजा अर्चना कर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पर्यटन करते हैं।
अगर आप विधि के अनुसार भगवान शिव की पूजा करते हैं तो भगवान से बस में ही प्रसन्न होकर आपके ऊपर अपनी साड़ी कृपा बरसाने शुरू कर देते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं आज हम आपको इस वीडियो में भगवान शिव के सोमवार के दिन पूजा करने की संपूर्ण विधि बताने जा रहे हैं।
सोमवार को सुबह जल्दी उठें उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद एकदम स्वच्छ कपड़े पहन लें इसके बाद घर के मंदिर या आसपास कहीं भी शिव मंदिर हो वहां जाएं जहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा हुआ जाने के बाद इन तीनों की मूर्ति प्रतिमा के ऊपर गंगाजल या पहुंचे सबसे पहले अर्पित करें।
जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन चावल बिल्लू पत्र आंकड़े के फूल और थोड़ा टाइम के बाद भगवान शिव के महामंत्र ओम नमः शिवाय के 108 बार जाप करें इसके बाद पूजा संपन्न करने के लिए भगवान शिव को शक्कर का भोग जरूर लगाएं इसके बाद धूप से भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
अगर आप 700 माह तक लगातार इस विधि के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी और भगवान शिव का आपके ऊपर हमेशा आशीर्वाद बना रहेगा।

अपनी मनोकामना पूरी करे शिवलिंग की पूजा इस तरह करे।

नियमित रूप से किए गए पूजन कर्म से भगवान बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं भगवान की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है सभी देवी देवताओं में शिव जी का विशेष स्थान है शिव पुराण के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि की रचना शिव जी की इच्छा से हुए।
महादेव की पूजा से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं और कुंडली के ग्रह दोष शांत हो जाते हैं आइए जानते हैं शिव कृपा पानी के लिए कैसे करें शिवलिंग की पूजा।
शिवलिंग पर चढ़ाएं यह 10 चीजें ( जल  दही, मित्र, चंदन,  केसर, भांग, शहद, शक्कर, और दूध भंग )
इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं शिव पुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकते हैं स्नान करवाते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए आइए जानते हैं इन 10 चीजें और उनसे मिलने वाले फल के बारे में।
मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है आचरण हंसने में होता है शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है, दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है शिवलिंग पर की अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है। 
इत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं शिव जी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है समाज में मान सम्मान प्राप्त होता है, केसर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है। बाल झड़ने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती है शक्कर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।

दोस्तों कौन होगा इस दुनिया में जो एक पक्षी की तरह खुले आसमान में नहीं उड़ता चाहता सावन के महीने की बारिश से मिलने वाली ठंडक का एहसास नहीं करना चाहता जो बारिश में भीगी माटी की सोंधी खुशबू का अहसास करके अपने सारे दुख और तनाव बुलाकर ने एक बच्चे की तरह खुले मैदान में इंद्रधनुष क्यों का पीछा नहीं करना चाहता। लेकिन आजकल हो ही गया है।

सबका जीवन तनावग्रस्त होता जा रहे हैं जिसकी वजह से जो कुदरत की खूबसूरती है कुदरत का करिश्मा है जो प्रभु शिव की शक्ति से संचालित है उसके प्रति हम उदासीन हो चुके हैं उसे हम भूल चुके हैं नजरअंदाज कर चुके हैं।
यह डिप्रेशन अवसाद और यह तनाव दोस्तों की छुट्टियों में खत्म हो जाता है अगर आप सक्षम हैं अपने ह्रदय खोलने के लिए प्रकृति की प्राणवायु को ग्रहण करने के लिए बस का एक ही तरीका है कि हम ध्यान के मार्ग पर निरंतर बढ़ते जाएं निरंतर बढ़ते जा और ध्यान के इस मार्ग के बीच में आपको कुछ ऐसे अनुभव होंगे जो सबूत होंगे आपके लिए कि प्रभु ने आपकी प्रार्थना स्वीकार कर ली है।
दोस्तों आज मैं कुछ ऐसे ही 5 संकेतों के बारे में बताने जा रही हूं चीन का अनुभव अगर आपको सावन के महीने में होता है यह कभी भी होता है तो समझ आएगा कि त्रिकालदर्शी त्रिलोकी शिव आप पर अपना प्रेम छलका रहे हैं।
अपना ही दे खुलकर आपको पुकार रहे हैं और इस प्रकार का स्तंभन का ज्ञान होते हैं जो कि आपको इन संकेतों के रूप में मिलेंगे आपको अपना ही देश भक्ति के लिए और खोल देना है। और प्रभु शिव की आराधना में दूर जाना है।

सपने में या इस तरह के संकेत से पता होगा भोलेनाथ आप पर कृपा कर रहे है।

  1. पहला संकेत अब ध्यान से समझना आपको सपने में यदि हरी साधना में एक आवाज सुनाई दी उसके प्रति अगर आप संवेदनशील हो पाए तो आप एहसास कर पाएंगे कि वह आवाज किसी और चीज की नहीं बल्कि वह एक नए में बाज रहे डमरू की आवाज होता क्या है।
अगर जो साधना में नया नया आया हुआ है वह सिर्फ जब जगा हुआ होता है तब होश में होता है लेकिन जो बहुत समय से साधना कर रहे हैं उनका सपने भी और उनकी नींद भी है प्रभु के ध्यान में होती है जिसके कारण उनकी संवेदना बढ़ जाती है।
वह इन संकेतों को साफ साफ महसूस कर पाते हैं समझ पाते हैं तो आपको जब कभी भी सपने में किसी आवाज का एहसास हो या ध्यान में भी आवाज का एहसास हो तो आपको समझ लेना चाहिए कि प्रमोशन स्वयं आपके आसपास है और दोस्तों जो बहुत समय से पूजा में है बहुत समय से साधना में है उन्हें सपने में या ध्यान में न सिर्फ आवाज सुनाई देगी बल्कि डमरु की दिखाई देगा स्पष्टता स्वयंसेवी शिव ही है।
  • 2. दोस्तों की जो तीसरा संकेत है वह आपको तब अनुभव हो सकता है जब आप साधना के दौरान खुद को पूर्णता मिटाने में सक्षम हो जाएंगे यानी कि खुद को बिल्कुल सूर्य बनाने खुद का अस्तित्व ही खत्म कर दी और आप प्रभु शिव की साधना में कुछ इस कदर डूब जाए जैसे एक नदी सागर में मिलने के बाद मिट जाती है।
  • 3. आपको सपने में या गहरे ध्यान में एक पत्थर की आकृति देखेगी जिसे देखकर आपके दिमाग में शिवलिंग का ख्याल उठेगा दिखती है लेकिन संवेदनशीलता ना होने के कारण हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं।
    अब उदाहरण के लिए जैसे आप ऐसा समझी कि आप मेरी ए ब्लॉग पढ़ रहे हैं लेकिन अभी अपेक्षा नहीं है कि आपने किस रंग के कपड़े पहने हुए जब आप देखेंगे तभी आपको याद आएगा तो भक्ति करते करते आप की संवेदनशीलता बढ़ेगी और आप समझ पाएंगे कि वह पत्थर की आकृति शिवलिंग है।
    जैसे-जैसे आपकी समझ बढ़ेगी वह पत्थर की आकृति हर गुजर के पल के साथ स्पष्ट और स्पष्ट होती जाएगी और शिवलिंग का रूप लेने की दोस्तों उम्मीद करती हूं कि आपको यह अनुभव के सावन के महीने में अवश्य होगा और दोस्तों कुछ भक्तों को पूरा शिवलिंग पहली बार में ही नजर आ जाता है तो यह दूसरा संकेत शिव की कृपा का।
attainment of Shiva tricks of shiva Write one word that worships Lord Shiva shiv mantra list
क्योंकि अगर नदी नदी रह गई या आप आप रह गए तो ना कभी नदी सागर बन सकती है और ना आप का मिलन शिव से हो सकता है तो साधना में हमीद वैद्य को हटाना है और अद्वैत में खो जाना है और यह संकेत है आपको रुद्राक्ष याद रुद्राक्ष की माला का स्वप्न में नजराना से आपके लिए निमंत्रण होगा स्वयं भोलेनाथ की आप खुद को बुलाकर उन में डूब जाए उनकी साधना में लीन हो जाए।
दोस्तों अभी तक जो मैंने आपको संगीत बताइए अगर आपको अभी तक नहीं महसूस हो पाए तो कोई बात नहीं आप निरंतर इसके लिए प्रयास करते रहे और मैं अपना अनुभव बताना चाहती हूं कि आपको यह संकेत महसूस होंगे ही हूं अगर आप एक साधक की भाभी शिव का ध्यान करेंगे।
@दोस्तों यह जो अर्थ है यह ऐसा नहीं है कि आपको नहीं पता होगा हर संज्ञा का अर्थ आपकी भीतर ही छुपा हुआ होता है बस उस अवचेतन मन में छुपा हुआ होता है जहां तक हमारी बहुत क्षीण हो जाती है इस स्थूल शरीर में रहते हैं क्योंकि यह जो मैं है ना यह हमें घेर लेता है आप यह जो संज्ञा है।
और आप और अच्छी तरह से इन संख्याओं को इन संकेतों को समझ पाएंगे आपको त्रिशूल देख सकता है इसके अलावा या त्रिशूल जैसा दिखाई देने वाला कोई भी धातु या लकड़ी का टुकड़ा आपको देख सकता है इसके अलावा दोस्तों सपने में या गहरे ध्यान में सब दिखाई देना बहुत शुभ संकेत है और यह संकेत बताते हैं कि भगवान शिव की आप पर विशेष कृपा है।
पुराणों ने बताया गया है कि भगवान शिव के गले में नाग ओके राजा वासुकी लिपटे हुए अब चुनाव वासु की थी वह भगवान शिव के परम भक्त हैं इसीलिए भगवान शिव ने उन्हें आभूषण की तरह गली में रहने का वरदान दिया था और इसीलिए भगवान शिव के गले में हमेशा से ही होते हैं इस तरह के संकेत शिव का ध्यान पूजन शुरू कर देना चाहिए अधूरी रह गई थी पूरी आनी चाहिए।
यह सभी जो संगीत है तो उसको वह आपके आने वाले जीवन में उन्नति के प्रति के आपके कार्यों में प्रगति के प्रति के और पापों के नष्ट होने के लिए आपको सूचना देते हैं और जो भी आपकी मनोकामना है वह भोलेनाथ की कृपा से जल्द पूरे होने वाली है।
Shiva Amritvani devotional worship Hanuman worship Shiv Mahima

भगवान भोलेनाथ को पाने का उपाय।

आपने भगवान शंकर का चित्र या मूर्ति देखी होगी शिव की जटा में हैं उन जटाओं में चंद्र भी होता है उनके मस्तक पर तीसरी आंखें वह गले में सर्प और रुद्राक्ष की माला लपेटे रहते हैं उनके एक हाथ में डमरू तो दूसरे में त्रिशूल है वह पूरे बदन पर भाजपा लगाए रहते हैं।
उनके शरीर के निचले हिस्से को विभाग की खाल से लपेटे रहते हैं वे नंदी बैल की सवारी करते हैं और कैलाश पर्वत पर ध्यान लगाए बैठे रहते हैं कभी आपने सोचा कि इन सब शिव प्रतीकों के पीछे का रहस्य क्या है शिव की वेशभूषा ऐसी है कि हर एक धर्म के लोग उन्हें अपना पति ढूंढ सकते हैं आप जानते हैं इन शिव प्रतीकों के रहस्य के बारे में।
चंद्रमा शिव का एक नाम सोम भी है सोम का अर्थ चंद्र होता है उनका दिन सोमवार है चंद्रमा मन का कारक है शिव के द्वारा चंद्रमा को धारण करना मन को काबू में करने का भी प्रतीक है हिमालय पर्वत और समुद्र से चंद्रमा का सीधा संबंध है और आपने यह बात भी देखी होगी कि शिवजी के सभी त्योहार और वर्ग चंद्रमा पर ही आधारित होते हैं।
शिवरात्रि महाशिवरात्रि आदि शिव से जुड़े त्योहारों में चंद्र कलाओं का महत्व है यह अर्धचंद्र यानी कि आधा चांद सेव पंछियों और चंद्रवंशी यों के पंत का प्रतीक चिन्ह भी है भगवान शिव के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में यह मान्यता है कि भगवान शिव द्वारा सॉन्ग अर्थात चंद्रमा को श्राप का निवारण करने के कारण यहां चंद्रमा ने शिवलिंग की स्थापना की थी।
इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोना प्रचलित हुआ त्रिशूल भगवान शिव के पास हमेशा एक त्रिशूल होता ही है यह बहुत ही अजीब और घातक अस्त्र है इसकी शक्ति के आगे कोई भी शक्ति तैर नहीं सकती त्रिशूल तीन प्रकार के कष्टों दैनिक दैविक और भौतिक इसके विनाश का सूचक भी है।
तीन तरह की शक्तियां भी हैं सत रज और तम प्रोटॉन न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन त्रिशूल के 30 सिटी के उदय संरक्षण और लाइव भूत होने का प्रतिनिधित्व करते हैं सहमत के अनुसार शिव इन तीनों भूमिकाओं के अधिपति हैं माना जाता है कि यह महाकालेश्वर के तीनों का वर्तमान भूत और भविष्य काल का प्रतीक भी है इसके अलावा यह पिंड ब्रह्मांड और शक्ति का परम पद से विस्थापित होने का पति भी है।
वृषभ यानी कि बैल बैल शिव का वाहन है वह हमेशा शिव के साथ रहता है वृषभ का अर्थ धर्म है मनुस्मृति के अनुसार परसों ही भगवान धर्म वेद ने धर्म को चार पैरों वाला प्राणी कहा है उसके चार पर धर्म अर्थ काम और मोक्ष है महादेव चार पैर वाले वृषभ की सवारी करते हैं यानी धर्म अर्थ काम और मोक्ष उनके अधीन है।
एक मान्यता के अनुसार वृषभ को नंदी भी कहा जाता है जो शिव के एक गण है नंदी ने ही धर्म शास्त्र अर्थशास्त्र कामशास्त्र और मोक्ष शास्त्र की रचना की थी चर्चाएं शिव अंतरिक्ष के देवता हैं उनका नाम योगेश है इसलिए आकाश उनकी जटा स्वरूप है जताएं वायुमंडल की प्रतीक हैं हवा आकाश में हर जगह रहती है सूर्य मंडल से ऊपर परमेष्ठी मंडल है इसके अस्तित्व को गंगा की संज्ञा दी गई है इसलिए गंगा शिव के जटा में प्रवाहित है।
गंगा गंगा को जटा में धारण करने के कारण ही शिव को जल चढ़ाए जाने की प्रथा शुरू हुई जब स्वर्ग से गंगा को धरती पर उतारने का उपक्रम हुआ तो यह सवाल भी उठा कि गंगा के इस अपार वेग से धरती में विशालकाय छेद हो सकता है तब गंगा पाताल में समा जाएगी ऐसे में इस समाधान के लिए भगवान शिव ने गंगा को सबसे पहले अपनी जटा में विराजमान किया और फिर उसे धरती पर उतारा। गंगोत्री तीर्थ किसी घटना का गवाह है दोस्तों शिव के कई प्रतीक और भी है।

( शिव पूजा की सामान्य विधि के बारे में जानकारी )

जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें।
अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन चावल बेलपत्र आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं पूजन में शिवजी से परेशानियों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें और इस मंत्र का जाप करें पूजा में शिवजी को घी शक्कर या मिठाई का भोग लगाएं इसके बाद धूप दीप से आरती करें।

( जानिए भगवान शंकर जी के अलग अलग अवतार )

( वीरभद्र )
( पिप्पलाद )
( नदी अवतार )
( भैरव अवतार )
( अश्रावत्थामा )
( शरभावतार )
( ग्रहपति )
( ऋषि दुर्वासा )
( हनुमान )
( वृषभ अवतार )
( यतिनाथ अवतार )
( कृष्ण दर्शन अवतार )
( अवधूत अवतार )

इस तरह की पूजा से होते है जल्दी प्रसन्न भोलेनाथ जी।

भक्त सच्चे सजा के साथ उन्हें सिर्फ जल से अभिषेक करें तो ही प्रसन्न हो जाते हैं और उस भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं, शिव पुराण में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ अचूक उपाय ओ के बारे में लिखा गया है शिव पुराण में अलग-अलग समस्या के लिए अलग-अलग उपायों के बारे में बताया गया है।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को उबले हुए चावल चढ़ाने से धन और राजसी ठाठ की प्राप्ति होती है।
  • शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से आपका व्यक्तित्व और आकर्षक होता है इससे समाज में मान सम्मान और यशवी मिलता है 
  • आप किसी से प्यार करते हैं या करती हैं और आपकी शादी कराने के लिए आपके घर वाले तैयार नहीं है तो लगातार 40 दिन शिवलिंग पर चंदन चढ़ाएं परंतु पहले जल फिर चंदन इससे आपका प्रेम विवाह होने की प्रबल संभावना बन जाती है।
  • महादेव का ताजी गन्ने के रस से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है ऐसा करने से मनुष्य के जीवन से दरिद्रता चली जाती है और परिवार में भी घोषाल माहौल बन जाता है।
  • शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है और बीमारियां दूर होती हैं इसलिए अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शिवलिंग पर सदैव ठंडा दूध अर्पित करें।
  • आज हम इस ब्लॉग में कुछ ऐसे ही उपाय आपको बताएंगे विवाह में अड़चन आ रही है तो 3:00 शर्मिला दूध शिवलिंग पर चढ़ाने से युवा में आने वाली रुकावटें दूर होगी और कहते हैं इससे जल्दी ही शादी का योग बनता है।
  •  यह तो सबसे बढ़िया उपाय है भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन सुबह की पूजा में 21 दिन पत्रों पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चलाएं ध्यान रखो आप शिवलिंग पर चढ़ा रहे हैं वह दूषित कटा फटा नहीं होना चाहिए वरना इससे लाभ नहीं मिलेगा। 
  • भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से स्वभाव शांत और स्नेह में होता है इससे क्रोध भी कम होता है।
  • अगर कोई शारीरिक रूप से कमजोर है तो उसे उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए शिवलिंग का अभिषेक गौ माता के शुद्ध घी से करना चाहिए।
दोस्तों यदि इन अभिषेक के साथ सा महादेव का महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाए या शिव पंचाक्षर का जाप किया जाए तो उसे और अधिक लाभ प्राप्त होते हैं तो मित्रों मैं आशा करता हूं कि आप मनोवांछित फल पाने के लिए उपयुक्त वस्तुओं से श्रद्धा पूर्वक और नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करेंगे।

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