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What Is Buddha Purnima best way to celebrate Buddha Purnima.

Buddha Purnima how to celebrate festival 2023.

नमस्कार दोस्तों, क्या आप भी What Is Buddha Purnima से रिलेटेड Post या Status देख रहे है। क्या आप भी  Why Buddha Purnima is celebrated? विश या फीलिंग शेयर करने के लिए बेहतरीन बहेटरी Quotes की तलाश में है, यह ब्लॉग में आप को What happens in Buddha Purnima? की शानदार लाइंस मिलने वाली है।

Why is Buddha Purnima celebrated Buddha Purnima 2023 in India
नमस्कार दोस्तो स्वागत है। आपसभिका मेरे इस ब्लॉग में आप को बुध पूर्णिमा के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
बौद्ध धर्मा वलियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। क्योंकि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुध इस धरती पर अवतरित हुए थे। इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। और इसी दिन उन्होंने महापरिनिर्वाण भी प्राप्त किया था।
वैशाख पूर्णिमा को बुध पूर्णिमा भी कहते हैं। भगवान बुध के जीवन की तीन बड़ी घटनाएं पैसा पूर्णिमा के दिन ही हुई थी। यह तीन बड़ी घटनाएं हैं उनका जन्म ज्ञान प्राप्ति जानी बुद्धि तत्व की प्राप्ति और महा परी निर्वाण ऐसा उदाहरण दुनिया में और कोई नहीं है।
भगवान बुध को जब संसार की सच्चाई का ज्ञान हुआ तो वह अपना राज महल ग्रस्त जीवन सारे भौतिक व संस्कारित सुखों को क्या कर सकते की खोज में निकल पड़े लगभग 7 वर्षों तक कठिन तपस्या के बाद बैसाख पूर्णिमा के दिन बोध गया जो कि बिहार में है। 
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वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई इसलिए इस दिन को बुद्धपूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। पूर्णिमा का दिन सिर्फ बौद्ध धर्म के लिए ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म के लिए भी एक पवित्र दिन है।
हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि भगवान बुध हिंदू देवता विष्णु भगवान के नौवें अवतार हैं इसलिए हिंदू धर्म में भी इस दिन को बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है यही कारण है कि बोधगया हिंदू बौद्ध धर्मा वलियों का पवित्र स्थान है।

दुनियाभर बौद्ध धर्म के अनुयाई पवित्र स्थान बोधगया के दर्शन करने आते हैं। इसी दिन को सत्य विनायक पूर्णिमा के तौर पर भी मनाया जाता है मान्यता है कि भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा बहुत गरीब थे। एक बार वह कृष्ण से मिलने उनके महल पहुंचे तब कृष्ण ने सुदामा को उनके कष्टों के निवारण हेतु सत्य विनायक व्रत करने का सुझाव दिया।
सुदामा ने कृष्ण की बात मानी और किस बात को विधिवत किया तो उनके कष्टों का निवारण हो गया दोस्तों इस दिन धर्मराज की पूजा भी की जाती है कहते हैं। कि सत्य विनायक व्रत से मृत्यु के देवता धर्मराज खुश होते हैं। और उनके प्रसन्न होने से अकाल मृत्यु वह खत्म हो जाता है।
How to celebrate Buddha Purnima Buddha Purnima 2022 January
पूर्णिमा का दिन विष्णु भगवान को समर्पित है पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थानों में स्नान करना पाप नाशक माना जाता है। लेकिन वैशाखी पूर्णिमा बहुत ही खास होती है। इस दिन सूर्य अपनी उच्च राशि में मेष में होते हैं। और चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि तुला में होते हैं दोस्तों भगवान बुध का जन्म 1563 ईसवी पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन लुंबिनी जो कि नेपाल में है। सत्य खुल के राजा शुद्धोधन और महारानी महामाया के घर में हुआ था।
बालक का नाम सिद्धार्थ रखा गया था। गौतम गोत्र में जन्म लेने के कारण उनको गौतम भी कहा जाता था इनकी माता का निधन के जन्म के साथ में दिन हो गया था। ऐसा कहा जाता है कि सिद्धार्थ के जन्म समारोह के दौरान एक साधु ने बालक सिद्धार्थ का भविष्य पढ़ते हुए यह बताया था। कि यह या तो यह बच्चा महान राजा बनेगा या महान पवित्र पथ प्रदर्शक इनका पालन लालन महारानी की छोटी सगी बहन प्रजापति गोतमी ने किया।
उनके मन में बचपन से ही अपार दया और करुणा थी। वह किसी का दुखी नहीं देख सकते थे। सिद्धार्थ के चचेरे भाई देवदत्त द्वारा तीर से घायल हंस की उन्होंने खूब सेवा कर उसे प्राणों की रक्षा की दोस्तों सिद्धार्थ ने गुरु विश्वामित्र से वेद पुराण उपनिषद और राजकाज कार्य और युद्ध विदेशी की कुश्ती घुड़दौड़ और तीर कमान चलाने में वह माहिर थे।
Buddha Purnima 2022 February When is Buddha Purnima 2021 Buddha Purnima 2022 January
दोस्तों 16 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ का विवाह राजकुमारी यशोधरा के साथ कर दिया गया पिता द्वारा सारी सुख सुविधाओं का प्रबंध किया गया राजकुमार सिद्धार्थ में राजकुमारी यशोधरा को एक पुत्र रतन की प्राप्ति जिसका नाम राहुल रखा गया राजमहल सारी सुख से उधर से भरपूर होने के बाद भी सिद्धार्थ का मन राज महल में नहीं डालता था फिर जीवन के सच्चे रंग जवानी बुढ़ापा रोग मृत्यु सन्यासी देखने के बाद उनका संसार और भौतिकी सुखों से मोह भंग हो गया।
और संस्कारी समस्याओं से दुखी होकर सिद्धार्थ ने 29 साल की आयु में घर छोड़ दिया राजपाट राज महल पत्नी व बेटे को छोड़कर तपस्या के लिए चल पड़े जिसे बौद्ध धर्म में महा ब्राह्मण कहा जाता है। बिना अन जल ग्रहण किए 6 साल की कठिन तपस्या के बाद 35 साल की आयु में वैशाख पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के किनारे पीपल के पेड़ के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ।
ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ बुध के नाम से जाने जाने लगे जिस जगह पर उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ उसे बोधगया और जिस पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ उसे बोधि वृक्ष कहा जाता है। मोदी का मतलब होता है। ज्ञान प्राप्त होना और संसार के सभी माया मुंह से छुटकारा पाना ज्ञान प्राप्त करने के बाद महात्मा बुध आषाढ़ मास की पूर्णिमा को काशी के पास मृत दवा जो कि सारनाथ में है। 
वहां पहुंचे पर उन्होंने सबसे पहला धर्म उपदेश दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है। और 5 मित्रों कुंडली लेबर पापा दिया माना मसागी को अपना अनुयाई बनाया फिर उन्हें धर्म प्रचार के लिए भेज दिया।
बुध की मृत्यु 80 साल की उम्र में 483 ईसवी पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन देवरिया जिले के कुशीनगर में चित्र द्वारा किए गए भोजन को खाने के बाद हो गई जिसे बौद्ध धर्म महापरिनिर्वाण कहा जाता है। बौद्ध धर्म के अनुयाई हैं और बुध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयाई के लिए सबसे बड़ा त्योहार है। 
Buddha Purnima 2022 date and time Buddha Purnima 2022 holiday Buddha Purnima 2022 timing Buddha Jayanti date
इस दिन अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है अलग-अलग देशों में वहां की संस्कृति रीति-रिवाजों के अनुसार ही बुध पूर्णिमा को मनाया जाता है। और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
बौद्ध धर्म के लोग इस दिन मंदिरों व घरों में अगरबत्ती व दीपक जलाते हैं तथा घरों को फूलों से सजाया जाता है। तथा वह धर्म ग्रंथों का पाठ किया जाता है। दीपक जलाकर भगवान बुध की पूजा कर उन्हें फल फूल अर्पित करते हैं बुद्ध पूर्णिमा के दिन संभव हो सके तो वह धर्म के अनुयाई बोधि वृक्ष के दर्शन जरूर करते हैं।
इस दिन पवित्र बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। उसकी शाखाओं को रंगीन पद गांव से सजाया जाता है तथा उसकी जड़ों में दूध और सुगंधित पानी डाला जाता है। मंदिर के आसपास दिए जलाए जाते हैं। तरह तथा प्रार्थना की जाती है।
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सुख भविष्य के लिए भगवान बुध का आशीर्वाद लिया जाता है दिल्ली संग्रहालय में बुध की हस्तियों को सुरक्षित रखा गया है लेकिन वैशाख पूर्णिमा के दिन इन हस्तियों को लोगों के दर्शनार्थ हेतु बाहर निकाला जाता है। जिससे कि बौद्ध धर्म आवली वहां आकर प्रार्थना कर सके।
दिवस को अलग-अलग देशों में, अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे पैसा पूजा वैसा विशाल अच्छा सा घटाओ को दिन फैला दी श्रीलंका अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इस दिन को पेशाब उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
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उसको खुशियों का त्योहार भारत नेपाल सिंगापुर वियतनाम थाईलैंड जापान कंबोडिया मलेशिया श्रीलंका मेन मार्ग इंडोनेशिया पाकिस्तान पाकिस्तान तथा विश्व के अन्य देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

मैं उम्मीद करता हूं की What Is Buddha Purnima का post आप को अच्छा लगा होगा यदि आप को अच्छा लगा  Why Buddha Purnima is celebrated?  का blog को आप अपने आप को इतना भी भूरा ना बनाए की What happens in Buddha Purnima? का पोस्ट शेयर करने में प्लीज आप इसे शेयर करे, धन्यवाद।

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