Best way to celebrate Narali Purnima festival in हिंदी।
उत्तर भारत में रक्षाबंधन वाले दिन अर्थात श्रावण मास की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाया जाता है।
जबकि दक्षिण भारत में समुद्री क्षेत्रों में नारियल पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इससे नरीरीपूर्णिमा भी कहते है।
श्रावण मास के से प्रारंभ होकर पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। 22 अगस्त 2021 को पूर्णिमा है। महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत में और पश्चिमी घाट सहित सभी क्षेत्रों में हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण पूर्णिमा कहा जाता है।
इंद्र वरुण और समुद्र देव की पूजा रक्षा सूत्र बांधने के अलावा समुद्र देवता की पूजा की जाती है। नारियल पूर्णिमा हंसकर सभी मछुआरों का त्यौहार होता है। मछुआरे की मछली पकड़ने की शुरुआत किस दिन से भगवान इंद्र और वरुण की पूजा करने के बाद करते हैं।
वर्षा के देवता इंद्र और समुद्र के देवता वरुण देव की पूजा करते हैं।
नारियल पूजा कैसे करते हैं?
पूजा नारियल को वस्त्र में लपेट कर उसे केले के पत्तों पर रखकर अच्छे से सजाते हैं। और फिर उसे जुलूस के रूप में ले जाते हैं।
नारियल की शिखा समुद्र की ओर रखकर विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्र पढ़ने के बाद समुद्र देश को नारियल अर्पित करते हैं।
मतलब समुद्र में नारियल कहां दिए जाते हैं। ताकि संस्कृति हमारी हर प्रकार से रक्षा करें इसके उपरांत किया जाता है। नारियल अर्पण करते समय प्रार्थना करते हैं। कि हमने आपके रौद्र रूप से हमारी रक्षा हो।
और आप का आशीर्वाद प्राप्त हो दक्षिण भारत में यह त्योहार समाज का हर वर्ग अपने अपने तरीके से मनाते हैं।
इस दिन जनेऊ धारण करने वाले अपनी जनेऊ बदलने बदलते हैं।
इस त्योहार को अधिकतम भी कहा जाता है। इसे श्रावणी यह ऋषि तर्पण भी कहते हैं। यह जानकारी की नारियल पूर्णिमा कैसे बनाते हैं।
पूजा करते समय नारियल खराब निकले तो क्या है। इसका रहस्य जानिए क्या है। इसका महत्व।
जा के दौरान यदि आपका चढ़ाया गया नारियल खराब निकल जाता है। तो ईश्वर आपको यह संकेत देता है। जो बहुत बड़ा संकेत होता है। मित्रों नारियल एक ऐसा फल है। जिसका प्रयोग पूजा बांटने ज्यादातर किया जाता है।
अगर आपने ध्यान दिया होगा तो हिंदू धर्म में पूजा पाठ को लेकर कई सारे नियम होते हैं। अक्सर पूजा करते समय नारियल को चढ़ाते हैं। और नारियल का प्रयोग खाने के साथ-साथ पूजा पाठ में विशेष रुप से किया जाता है।
इतना ही नहीं शुभ काम में नारियल का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि कहा जाता है। कि नारियल का इस्तेमाल करने से सारे काम शुभ तरीके से संपन्न हमारी हो जाते हैं। वहीं अगर हम बात करें धर्म शास्त्रों की तो हमारे धर्म शास्त्रों में नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
यानी नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। और साथ ही पूजा में नारियल का इस्तेमाल यदि नहीं किया जाता है। तो हमारी पूजा अधूरी मानी जाती है।
यही कारण है। कि नारियल के चढ़ाने का महत्व बहुत ही ज्यादा है तो मित्रों एक बात यह जरूरी है। कि नारियल को ऊपर से देख कर आप उसे पहचान नहीं सकते हैं। कि यह अच्छा है। या नहीं है। लेकिन कई बार आपके साथ ऐसा हुआ होगा कि आपने जो नारियल पूजा में चढ़ाया था। वह अंदर से खराब निकल गया हो।
लेकिन आज हम आपको बता दें, कि हमारे जीवन से जुड़ी यह छोटी-छोटी बातें कई बार हमारी जिंदगी पर बहुत बड़ा असर डालती है। और जानकारी के अभाव में हम उम्र भर भ्रम में जीते हैं। तो आज हम आपको बताते हैं। कुछ ऐसा ही पूजा के नारियल के साथ भी है।
जब नारियल ग्राम निकलता है। तो लोग पता नहीं क्या क्या सोच विचार करने लगते हैं। तो मित्रों यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ हो तो आप दुकानदार के पास जाकर भड़के होंगे लेकिन आपको बता दें कि आज का यह जो जानकारी है। इसे प्राप्त करने के बाद ऐसा आप कभी नही करेंगे।
हिंदू धर्म सनातन धर्म है। और जिसकी अपनी मान्यताएं और यहां हम आपको विशेष रूप से बताने जा रहे हैं। नारियल खराब होने का विशेष अर्थ तो पूजा में चढ़ाया गया नारियल अगर खराब आपका निकल जाए तो इसका मतलब यह नहीं है। कि अशुभ संकेत आपको मिलेगा।
इसका अशुभ फल आपको प्राप्त होगा बल्कि नारियल का खराब निकालना बहुत ही शुभ माना जाता है। हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार मित्रों आपको हम बता दें कि मान्यता यह है। कि अगर पूजा का नारियल पूर्ण रूप से खराब निकले तो इसका मतलब यह होता है। कि भगवान ने खुद ही पूरा प्रसाद ग्रहण कर लिया है।
तभी वह नारियल अंदर से पूरा सूख गया या खराब निकल गया है। और इतना ही नहीं आपको यह भी हम बता दें कि इसके साथ ही यह भी माना जाता है। कि अगर आपके पूजा का नारियल पूर्ण रूप से खराब निकल जाता है। तो आप समझ जाइए कि आपकी मनोकामनाएं सारी पूरी होने वाली है।
वही आपको यह भी हम बता दीजिए अगर नारियल फोड़ते समय आपका नारियल सही निकले तो उसे सभी के बीच बांट देना चाहिए तो मित्रों ऐसा करना शुभ होता है। वैसे आपको बता दें, कि इन बातों का प्रभाव हमारे जीवन में कहीं ना कहीं अवश्य ही पड़ता है लेकिन कई लोग इसे मानते हैं तो कई लोग इसे नहीं मानते हैं।
आपको हम यह बता दें कि यह सच है। कि हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार जानकारी आपको हमने प्रस्तुत की है। तो मित्र आशा करता हूं। कि आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी।
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