Best ways to Celebrate Bihu Festival Essay Assam Festival in हिंदी।
दोस्तों आज की इस ब्लॉग में हम आपको आसाम राज्य में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्यौहार मुहावरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने में मनाए जाने वाले बोहाग बिहू को आसामी नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसे रंगाली बिहू और हड्डियों के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को आसाम के अलावा उत्तर पूर्व के अन्य राज्यों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
हर साल बिहू के त्योहार पर आसाम के लोग प्रकृति और भगवान को फसलों की अच्छी पैदावार के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। और खेतों में पक्ष की फसलों की कटाई करते हैं दरअसल बिहू का त्योहार 1 साल में तीन बार फसलों की कटाई की खुशी में मनाया जाता है।
आसाम के तीन अलग सांस्कृतिक उत्सवों को एक समूह को दर्शाता है। और दुनिया भर के आसामी प्रवासी किसे धूमधाम से मनाते हैं यदि अपने प्राचीन संस्कार और प्रथाओं को उनके मूल मानते हैं। हालांकि उन लोगों ने निश्चित ही शहरी सुविधाओं को अपना लिया है और हाल के दशकों में शहरी और लोकप्रिय त्योहार बन गए हैं। उनमें से एक अप्रैल में मनाया जाने वाला आसामी नव वर्ष भी शामिल है।
शब्द बिहू नृत्य और पीहू लोकगीत दोनों की ओर संकेत करते हैं। रंगाली बिहू या बोहाग बिहू असम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो सभी आचार्यों द्वारा बहुतायत में मस्ती के साथ मनाया जाता है।
परंतु आखिर विभु का मतलब क्या होता है। पीहू शब्द दिमाग से लोगों की भाषा से लिया गया है। जो कि प्राचीन काल से एक कृषि समुदाय है। उनकी तरबूज देवता वृषभ राशि या पिता शिवराई है मौसम की पहली फसल अपनी शांति और समृद्धि की कामना करते हुए ड्राई शिवराय के नाम पर अर्पित किया जाता है।
तो बी मतलब पूछना और शुभ मतलब पृथ्वी में शांति और समृद्धि है अतः शब्द विशु धीरे-धीरे भाषाई तहजीब को समायोजित करने के लिए पीहू बन गया। सुझाव यह है कि पी का मतलब पूछना और हु का मतलब देना और वहीं से पीहू नाम उत्पन्न हुआ कालागुरु बिष्णु प्रसाद राभा द्वारा कहा गया था।
सामने रंगाली बिहू बहुत सारे परंपराओं से ली जाती है। जैसे कि गर्मी चीन ऑस्ट्रोएशियाटिक आर्यन यह त्योहार अप्रैल के मध्य से शुरू होता है। और आमतौर पर 1 महीने के लिए जारी रहता है।
का पर्व किसानों की धान चावल की फसल से जुड़ा हुआ त्योहार है रवि की फसल पक कर तैयार हो जाती है तब बोहाग बिहू का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन से आसामी नववर्ष की भी शुरुआत होती है यह पड़ेगी उत्सव के साथ मनाया जाता है।
दिन के दिन लोग अपने शरीर पर अच्छी हल्दी और उड़द की दाल का उबटन लगाते हैं। और इसके बाद स्नान करते हैं। इसके बाद नए वस्त्र धारण करते हैं। "वह आधे माथे पीड़ितों ने वहा धीमा असमिया जाकिर आयुष रेखा गणित ग्लोरिसा इसका मतलब है।" वैशाख केवल एक रितु ही नहीं ना ही एक महीना है। बल्कि यह आसामी जाति की आयु रेखा और जन गण का साहस है। ड्रम और बाजू की गूंज के साथ बोहाग बिहू का हफ्ते भर तक चलने वाला जश्न शुरू होता है।
तोहार के दौरान कई खेलों का आयोजन भी किया जाता है जैसे बैलों की लड़ाई मुर्गों की लड़ाई और अंडों का खेल आदि मैं बांग्ला कैलेंडर की शुरुआत के साथ इसे विशु संक्रांति दिवस के रुप में मनाया जाता है। सर्दियों के मौसम में यह त्यौहार संक्रांति के दिन मनाया जाता है। और तीसरी बार यह त्योहार कार्तिक महीने में मनाया जाता है। चैत्र महीने की संक्रांति के दिन से ही उत्सव शुरू हो जाता है।
इस दिन सुबह से ही लोकी बैंगन हल्दी माखी अति आदि सामग्री बनाने में जुट जाते हैं। हमको सभी गायों को गाली गौशाला में लाकर बांध देते हैं ऐसी मान्यता है कि इस दिन गायों को भुला नहीं रखा जाता है। गाय के चरवाहे एकदलिया में लौकी बैनर आदि सजाते हैं। प्रत्येक गाय के लिए एक नई रस्सी तैयार की जाती है।
दिल से विवाह की शुरुआत बहू की शुरुआत होने के साथ ही आसाम में शादी विवाह के शुभ समारोह भी आयोजित होने शुरू हो जाते हैं। यह मौसम और त्यौहार अपने लिए किसी को पसंद करने उनसे अपनी मन की बात को कहने रिश्ता पक्का करने या शादी करने के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है।
तो आप जानते हैं। वह आज भी हूं के पकवान वह तो हार ही क्या जिसमें लजीज पकवान ना हो एक चीज जो बोहाग बिहू को प्रसिद्ध बनाती है वह है। उस दिन बनने वाले कई तरह के पकवान जिसको देखकर हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है वह आग वीरू के दिन नारियल चावल दिल और दूध का इस्तेमाल करके कई तरह के लजीज पकवान बनाए जाते हैं।
फसलों की सफल कटाई का जश्न मनाते हुए मनाए जाने वाले इस पर विभाग में नारियल चावल तेल दूध का इस्तेमाल पकवान बनाने के लिए प्रमुखता से किया जाता है। नारियल तेल चावल गुड़ आदि से बनाए जाने वाले कुछ मुख्य पकवान में नारियल के लड्डू तिल के लड्डू तिल पिया पिया घर पूजा का बीज बाकी मेवा इत्यादि इसके बहामास का भी सेवन मुख्य रूप से किया जाता है जिसने मछली सबसे प्रसिद्ध है। इसलिए बोहाग बिहू के दिन मछली के भी विभिन्न पकवान बनते हैं।
आसाम के लिए मशहूर पर बोहाग बिहू का हिस्सा बनना चाहते हैं। तो आसामी फिश करी सरसों भिंडी और किन ओम हल और जैतून गुड़ की चटनी का स्वाद से रुड़की बिहू नृत्य में प्रयुक्त उपकरण हैं। धूलिया ट्रक ताल भैंस की सिंह से बना एक वाद्य यंत्र पेपर 2 का पहिया बासुरी इतनी।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत देश के अलावा विदेशों में भी मनाया जाता है। कई वीरु संग समितियां विदेशों में भी मौजूद हैं जहां बड़े ही उत्साह से यह त्योहार मनाया जाता है लंदन समिति एलडीसी एक है।
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