Happy Navratri quotes best Wishes for navratri 1st day status.
नमस्कार दोस्तों, क्या आप भी Durga Maa blessings quotes से रिलेटेड Post या Status देख रहे है। क्या आप भी navratri 1st day status विश या फीलिंग शेयर करने के लिए बेहतरीन बहेटरी Quotes की तलाश में है, यह ब्लॉग में आप को Shailputri quotes की शानदार लाइंस मिलने वाली है।
माँ का जगत पालन हार, मुक्ति का धाम है माता रानी का, हमारी भक्ति का आधार है माता रानी का, हैं सब की रक्षा करे ये प्रथना है माता रानी से मेरी।
माता का पावन अवसर पर मा लाती है डेरा खुशिया, इस बार मा सबकुछ लायेगी आप के लिए, नवरात्रि का पहन दिन मा आप पर रखे आशीर्वाद।
नवरात्रि के इस पावन अवशर पर आप सभी को नवरात्रि के पहला दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं हैप्पी नवरात्रि।
मै जब जब बुरे समय मे मे धबरता हु और उदास होता हु तो शेरा वाली माता की आवाज आती है और बोलती है रुक मै आती हु।
तेरे प्यार से मै मशहूर हु, आप से ही है मेरी आशा, इस लिए ही करता हु मै धीरज, आप का ही तो है आशीर्वाद मेरे उपर।
What is the Favourite colour of MAA Shailputri?
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Durga Maa blessings quotes navratri 1st day |
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि माता भगवती की आराधना संकल्प साधना और सिद्धि का दिव्य समय है यह तन मन को निरोगी रखने का शुभ अवसर पर है देवी भागवत के अनुसार देवी ही ब्रह्मा विष्णु महेश के रूप में सृष्टि का सृजन पालन और संहार करती है।
भगवान महादेव के कहने पर रक्तबीज शुंभ निशुंभ मधु के आइटम और भी बहुत सारे दानवों का संहार करने वाली मां पार्वती ने असम के रूप धारण किए किंतु देवी के प्रमुख नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।
नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशिष्ट रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है तो आइए जानते हैं इनकी पावन कथा क्या है।
मां शैलपुत्री सदी के नाम से भी जानी जाती है एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ करवाने का फैसला किया इसके लिए उन्होंने सभी देवी देवताओं को निमंत्रण भेज दिया लेकिन भगवान शिव को नहीं भेजा देवी सती भली-भांति जानती थी कि उनके पास निमंत्रण जरूर आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यज्ञ में जाने के लिए बेचैन थी लेकिन भगवान शिव ने मना कर दिया उन्होंने कहा कि यज्ञ में जाने के लिए उनके पास कोई भी निमंत्रण नहीं आया है और इसलिए वहां जाना उचित नहीं है।
देवी सती नहीं मानी और बार-बार यज्ञ में जाने का आग्रह करते रहे देवी सती के नाम आने की वजह से भगवान शिव को उनकी बात माननी पड़ी और उन्होंने अनुमति दे दी देवी सती जब अपने पिता प्रजापति दक्ष के यहां पहुंची तो देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम से बातचीत नहीं कर रहा है।
सारे लोग मुंह फेरे हुए हैं और सिर्फ उनकी माता ने उन्हें स्नेह से गले लगाया उनकी बाकी बहने भी उनका उपहास कर रही है और देवी सती के पति भगवान शिव को वितरित कर रही हैं, स्वयं दक्ष ने भी अपमान करने का कोई मौका ना छोड़ा अति दुखी हो गई अपना और अपने पति का अपमान सहना हुआ और फिर अगले ही पल उन्होंने वो कदम उठाया जिसकी कल्पना भी नहीं की थी।
सती ने उस यज्ञ की अग्नि में खुद को स्वाहा कर अपने प्राण त्याग दिए भगवान शिव को जैसे ही इसके बारे में पता चला तो वह बहुत दुखी हो गए दुख और गुस्से की ज्वाला में जलते हुए शिव ने उस यज्ञ को फर्स्ट कर दिया इसी सदी में फिर हिमालय के यहां जन्म लिया और वहां जन्म लेने की वजह से इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
यह माता शैलपुत्री की पावन कथा हमने आपके लिए नवरात्रि के 9 दिनों के माता के नौ स्वरूपों की कथा के ब्लॉग अलग अलग बनाए है। आप नीचे देख सकते हो। जिसका लिंक नीचे है,
शैलपुत्री नवरात्रि देवी Shailputri Devi की पूजा
नवरात्रि के प्रथम दिन मां आदिशक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, दोस्तों नव दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम स्वरुप है देवी शैलपुत्री का पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ है।
इसलिए इन्हें ब्रश अरोड़ा के नाम से भी जाना जाता है इनके एक हाथ में त्रिशूल है और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है मां शैलपुत्री को मातृशक्ति यानी इसने करुणा और ममता का स्वरूप माना गया है।
- दोस्तों मां शैलपुत्री की पूजा करने से विवाहित जीवन में सुख आता है या जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा है वही मां शैलपुत्री की पूजा करके योग्य वर की प्राप्ति कर सकते हैं मां शैलपुत्री की पूजा करने से विभिन्न सिद्धियों की भी प्राप्ति की जा सकती है मासों में स्वभाव की हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी करती हैं।
- आपको बता दें कि मां शैलपुत्री की पूजा करते समय आप लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें और कलश स्थापना करके इनकी पूजा की शुरुआत की जाती है इसके बाद आप एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछा लें और इसके ऊपर के सर से संग लिखें या फिर स्वास्तिक का चिन्ह बना ले।
- अब इसके ऊपर मां शैलपुत्री की प्रतिमा स्थापित करें रोली कुमकुम अच्छा दादी अर्पित करें और मां शैलपुत्री को सफेद कनेर का पुष्प चढ़ाएं या फिर लाल गुड़हल का फूल अर्पित करें और मां शैलपुत्री को गाय के घी का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है फिर इसके बाद धूप दीप जलाएं और तत्पश्चात मां शैलपुत्री के मंत्र ओम संग शैलपुत्री देव्यै नमः मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
फिर मंत्र पूर्ण होने के बाद मां शैलपुत्री के चरणों में अपनी मनोकामना जरूर बोलें और माता से प्रार्थना करें तथा श्रद्धा पूर्वक माता की आरती कर पूजा हो विधिवत संपन्न करें तो बोलो मां शैलपुत्री की जय।।
शैलपुत्री च देवी Shailputri Cha Devi को सबसे अधिक क्या पसंद हैं
मां शैलपुत्री का वास काशी नगरी वाराणसी में माना जाता है वहां पर शैलपुत्री का एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर मां शैलपुत्री के दर्शन से ही भक्त जनों की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। |
- शैलपुत्री माता को सफेद रंग का भोग बहुत ही पसंद है सफेद रंग के भोग में मक्खन मिश्री मखाना खीर समा के चावल की खीर और साबूदाने की खीर यह सभी सफेद खूब में आते हैं अर्थात कहने का मतलब यह है कि पुत्री माता को सफेद रंग का भोग लगाना चाहिए
- दोस्तों नवरात्र के पहले दिन सबसे पहले शुद्ध होकर कलश स्थापना की जाती है और उसके बाद माता के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है कलश को दर्शन भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है आप सभी लोग यह तो जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में सबसे पहले भगवान गणपति की पूजा की जाती है इसलिए नवरात्रि की पूजा करने से पहले कलश की स्थापना की जाती है।
मैं उम्मीद करता हूं की Durga Maa blessings quotes का post आप को अच्छा लगा होगा यदि आप को अच्छा लगा navratri 1st day status का blog को आप अपने आप को इतना भी भूरा ना बनाए की Shailputri quotes का पोस्ट शेयर करने में प्लीज आप इसे शेयर करे, धन्यवाद।
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